देश में कैराना व पालघर समेत 4 लोकसभी सीटें और और 10 विधान सभा सीटों पर उपचुनाव।

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देश में कैराना व पालघर समेत 4 लोकसभी सीटें और और 10 विधान सभा सीटों पर उपचुनाव।

आज देश में लोकसभा की चार सीटें और विधानसभा की 10 सीटों पर उपचुनाव हो रहे हैं। धीरे धीरे मतदान केंद्रों पर मतदाताओं की संख्या लगातार बढती जा रही है। आज हो रहे चुनाव के नतीजे 31 मई को घोषित की जायेगी। 

जिन चार सीटों पर लोकसभा के उपचुनाव हो रहे हैं वे हैं महाराष्ट्र के पालघर, भंडारा-गोंदिया, उत्तर प्रदेश के चर्चित कैराना और नागालैंड की एक लोकसभा सीट। इसके अलावा दस विधान सभी सीटों के लिय़े भी उपचुनाव हो रहे हैं वे हैं पलुस कादेगांव (महाराष्ट्र), नूरपुर (यूपी), जोकीहाट (बिहार), गोमिया और सिल्ली (झारखंड), चेंगानूर (केरल), अंपाति (मेघालय), शाहकोट (पंजाब), थराली (उत्तराखंड) और मेहेशतला (पश्चिम बंगाल) विधानसभा सीटों पर भी उपचुनाव के लिए वोट डाले जा रहे हैं।

कैराना संसदीय सीट - यहां मुख्य मुकाबला बीजेपी और राष्ट्रीय लोकदल के बीच है। बीजेपी ने अपने सांसद हुकूम सिंह के निधन के बाद उनकी बेटी मृगांका सिंह को उम्मीदवार बनाया है वहीं राष्ट्रीय लोकदल ने तबस्सूम हसन को उम्मीदवार बनाया है। इन्हें सपा, बसपा व कांग्रेस का समर्थन हासिल है। 

महाराष्ट्र के दो सीटों पर लोकसभा उपचुनाव के लिये मतदान है। ये सीटें हैं पालघर और भंडारा-गोंदिया। 

पालघर -  मुंबई से लगे पालघर में बीजेपी सांसद चिंतामन वनागा के जनवरी में निधन के बाद यह सीट खाली हो गई थी। यहां शिवसेना ने वनागा के बेटे श्रीनिवास वनागा को मैदान में उतारा है तो बीजेपी ने पूर्व कांग्रेस नेता राजेंद्र गावित को टिकट दिया है। इन दोनों के बीच कड़ी टक्कर देखे जाने की उम्मीद है। इनके अलावा कांग्रेस के दामोदर शिंडगा, बहुजन विकास आघाड़ी के बालीराम जाधव और सीपीएम के एक उम्मीदवार में भी मैदान में हैं। 

भंडारा-गोंदिया - यहां सीधी लड़ाई बीजेपी और एनसीपी के बीच है। बीजेपी ने हेमंत पटले को उम्मीदवार बनाया तो एनसीपी ने मधुकर कुकड़े को। यहां एनसीपी ने कांग्रेस को समर्थन दिया है। शिवसेना ने कई उम्मीदवाल नहीं दिया है। यह सीट बीजेपी सांसद नाना पटोले के पार्टी से इस्तीफे देने की वजह से खाली हुआ। वे कांग्रेस पार्टी में शामिल हो गये हैं। 

नागालैंड - यहां लोकसभा की एक ही सीट है। इस उपचुनाव में पीडीए ने पुर्व मंत्री तोखेहो येपथेमी को चुनावी मैदान में उतारा है। इन्हें बीजेपी और एनडीपीपी का समर्थन हासिल है। यहां इनके मुकाबले एनपीएफ ने सी अपोक जमीर को चुनावी मैदान में उतारा है। इन्हें कांग्रेस पार्टी का समर्थन हासिल है। 

आगामी लोकसभा चुनाव में 10-11 महीने बचे हैं लेकिन इसलिये हर उपचुनाव को इसी से जोडकर देखा रहा है।