कर्नाटक : राज्यपाल के फैसले के खिलाफ कांग्रेस का धरना। सुप्रीम अदालत में सुनवाई।

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कर्नाटक : राज्यपाल के फैसले के खिलाफ कांग्रेस का धरना। सुप्रीम अदालत में सुनवाई।

टाइम्स खबर। कर्नाटक प्रकरण को लेकर कांग्रेस पार्टी ने सडक से लेकर सुप्रीम कोर्ट तक आंदोलित है। सुप्रीम कोर्ट में जहां कांग्रेस लीडर व एडवोकेट मनु सिंघवी मोर्चा संभाले हुए हैं वहीं बेंगलुरू स्थित विधान सभा भवन के बाहर कांग्रेस दिग्गज नेता गुलाम नबी आजाद, अशोक गहलोत, मल्लिकार्जन खडगे और पूर्व मुख्यमंत्री सिद्दारमैया समेत तमाम लीडर धरने पर हैं। 

दरअसल कर्नाटक विधान सभा चुनाव में किसी भी पार्टी को बहुमत नहीं मिला। 224 विधान सभा सीटो की जगह 222 सीटों पर चुनाव हुए और बहुमत सिद्द करने के लिये 112 सीटो की जरूरत है। बीजेपी सबसे बडी पार्टी बनकर उभरी लेकिन बहुमत नहीं मिला। बीजेपी 104, कांग्रेस 78 और जेडीएस गठबंधन को 78 सीटें मिली। अन्य के खाते में 2 सीटें। चुनाव के बाद कांग्रेस पार्टी ने बिना शर्त जेडीएस को समर्थन दे दिया। इन दोनो पार्टियों के विधायकों की संख्या मिला दें तो 116 तक पहुंच जाती है। जो बहुमत से 4 ज्यादा है। एक अन्य विधायकों का भी समर्थन है। 

लेकिन बीजेपी ने सबसे बड़ी पार्टी होने के सरकार बनाने का दावा किया और राज्यपाल ने उन्हें सरकार बनाने का न्योता भी दे दिया। बहुमत साबित करने के लिये 15 दिनों का समय दे दिया गया।बीजेपी लीडर येदियुरप्पा ने मुख्यमंत्री पद की शपथ भी ले ली। अब यह मामला अदालत में है।

इधर कांग्रेस पार्टी ने इसे असंवैधानिक बताया राज्यपाल के फैसले के खिलाफ विधान भवन के बाहर राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की मूर्ति के निकट धरने पर हैं। कांग्रेस ने सवाल उठाया कि जब बहुमत उनके गठबंधन के पास थी तो उन्हें न्योता क्यों नहीं दिया गया। दूसरा बहुमत के लिये 15 दिनों का समय देकर खरीद-फरोख्त को लिये छुट दे दी गई। बहरहाल राजनीतिक घमासान जारी है। 

वही बीजेपी का कहना है कि राज्यपाल ने जो भी कदम उठाया है वह नियमानुसार ही है।