टाइम्स ख़बर। कर्नाटक में बिना बहुमत वाली सबसे बड़ी पार्टी बीजेपी को सरकार बनाने के लिये मौका दिया गया। जबकि बहुमत, पोस्ट एलायंस कांग्रेस और जेडीएस के पास है। इसको लेकर सड़क से लेकर अदालत तक घमासान मचा हुआ है। इस बीच बिहार के पूर्व उपमुख्यमंत्री व आरजेडी लीडर तेजस्वी यादव ने कल पटना में एक दिवसीय धरना का ऐलान किया है।
उन्होंने बिहार के राज्यपाल से मांग की है कि वर्तमान बिहार सरकार को भंग कर कर्नाटक की तर्ज पर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी राजद को सरकार बनाने का मौका दिया जाये। उन्होंने ट्वीट कर लिखा कि "कर्नाटक में लोकतंत्र की हत्या के विरोध में कल पटना में राजद का एक दिवसीय धरना होगा। हम राज्यपाल महोदय से माँग करते है कि वो वर्तमान बिहार सरकार को भंग कर कर्नाटक की तर्ज़ पर राज्य की सबसे बड़ी पार्टी राजद को सरकार बनाने का मौका दें। मैं बीजेपी के तर्ज पर यह दावा कर रहा हूं।"
दरअसल बिहार में विधान सभा चुनाव में आरजेडी, जेडीयू और कांग्रेस के बीच महागठबंधन हुआ था और गठबंधन को पूर्णबहुमत मिला। इस चुनाव में आरजेडी सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी। जेडीएस नेता नीतीश कुमार मुख्यमंत्री बने। लेकिन बाद में नीतीश कुमार ने महागठबंधन से अलग होकर बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई। ऐसे में आरजेडी नेता तेजस्वी ने सवाल उठाया कि जेडीएस के महागठबंधन से अलग होने के बाद सबसे बड़ी पार्टी आरजेडी थी लेकिन उन्हें सरकार बनाने का मौका नहीं दिया गया लेकिन अब वही बेजीपी की सरकार कर्नाटक में सबसे बड़ी पार्टी को मौका दिया। ऐसा क्यों?
आरजेडी नेता तेजस्वी यादव ने कहा कि अगर बिहार में पोस्ट पोल एलायंस को राज्यपाल द्धारा निमंत्रण देकर सरकार बनायी जा सकती है तो कर्नाटक में क्या दिक्कत है? अन्यथा बिहार में भी सबसे बड़ी पार्टी को सरकार बनाने और बहुमत सिद्ध करने का मौका दिया जाये। उन्होंने आरोप लगाया कि बीजेपी कर्नाटक में होर्स ट्रेडिंग को बढावा दे रही है