दिल्ली : सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर उपराज्यपाल के कार्यालय तक मुख्यमंत्री केजरीवाल के नेतृ्त्व में मंत्री-विधायकों का मार्च।

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दिल्ली : सीसीटीवी कैमरे लगाने को लेकर उपराज्यपाल के कार्यालय तक मुख्यमंत्री केजरीवाल के नेतृ्त्व में मंत्री-विधायकों का मार्च।

नई दिल्ली(टाइम्स ख़बर)। दिल्ली शहर और महिलाओं को सुरक्षित रखने के उद्धेश्य से सीसीटीवी कैमरे लगाये जाने हैं। लेकिन अभी तक यह प्रस्ताव अटका पडा है। आम आदमी पार्टी का आरोप है कि उपराज्यपाल अनिल बैजल इसमें बीजेपी के इशारे पर अड़ेंगे लगा रहे हैं।  अपनी बात को उपराज्यपाल के सामने रखने के लिये आज मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल के नेतृत्व में उपराज्यपाल के घर तक विरोध मार्च निकाला गया जिसमें आम आदमी पार्टी सरकार के सभी मंत्री, विधायक और सांसद शामिल हुए।

उपराज्यपाल ने सिर्फ कैबिनेट मंत्री से मिलने की बात कही लेकिन आप नेता और मुख्यमंत्री केजरीवाल ने सभी लोगो से मिलने की बात कही और इस बात पर अड़ गये। और मांग की कि सभी विधायकों को एलजी से मिलने की अनुमति दी जाये। 

दिल्ली के उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि हमलोग उपराज्यपाल महोदय से यही आग्रह करने आये हैं कि दिल्ली के विकास के लिये बीजेपी के इशारे पर कोई अडंगा न लगाये। सीसीटीवी महिलाओं की सुरक्षा के लिये बेहद जरूरी है। महिलाएं लगातार शिकायत कर रही है। जिन जिन जगहों पर महिलाओं ने मांग की है वहां सीसीटीवी लगाने जरूरी है। सीसीटीवी कहां कहां लगेंगे यह भी बाहर से तय किये जायेंगे तो यह आश्चर्य है। 

जब उनसे यह पूछा गया कि सीसीटीवी कैमरे लगाने पर उपराज्यपाल ने कहा कि उनकी ओर से कोई रोक नहीं है। इस पर उपमुख्यमंत्री मनीष सिसोदिया ने कहा कि लाख से उपर सीसीटीवी कैमरे लगने हैं। इनमें से कुछ जगहों की पहचान महिलाओं के कहने पर की गई है। इसपर भी यदि कमेटी बनाकर तय किया जायेगा तो इसका साफ अर्थ है इसे बीजेपी के कहने पर लटकाया जा रहा है। 

आम आदमी पार्टी नेतागण अब दिल्ली विकास को लेकर किसी भी दबाव में नहीं आने की रणनीति पर कार्य करने लगे है। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री केजरीवाल और उपमुख्यमंत्री सिसोदिया समेत तमाम कैबिनेट के मंत्री और विधायक उपराज्यपाल के कार्यालय के बाहर तीन घंटे तक धरने पर रहे। 

वहीं बीजेपी ने आम आदमी पार्टी के आरोप को बेबुनियाद बताया। और आरोप लगाया कि सीसीटीवी कैमरे की कीमत बढा-चढाकर पेश किया गया है। वहीं एक दिन पहले आम आदमी पार्टी ने साफ कर दिया है कि सीसीटीवी लगाने का टेंडर केंद्र सरकार की सरकारी कंपनी बेल को दिया गया है। उन्होंने यह भी कहा कि अगर बेल ने किसी चीनी कंपनी को ठेका दिया हो तो उसमें उनका कोई रोल नहीं है।