तेज प्रताप और ऐश्वर्या पावन परिणय सूत्र में बंधे। परिवार में खुशी का माहौल

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तेज प्रताप और ऐश्वर्या पावन परिणय सूत्र में बंधे। परिवार में खुशी का माहौल

पटना (टाइम्स ख़बर)। आरजेडी अध्यक्ष व पूर्व मुख्यमंत्री मुख्यमंत्री लालू प्रसाद के बड़े बेटे तेज प्रताप की शादी बिहार के पूर्व मुख्यमंत्री दारोगा प्रसाद की पोती ऐश्वर्या राय के साथ धूमधाम से संपन्न। दोनो पावन परिणय सूत्र में बंध गये 12 मई को। इसी के साथ बिहार के दो सियासी परिवारों की दोस्ती रिश्तेदारी में बदल गई। इस विवाह समारोह में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी शामिल हुए। और दोनो वर-वधु को आशीर्वाद दिये। इस मौके पर पूरे परिवार में खुशी का माहौल बना रहा। आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव विवाह के पूरे विधि-विधान में शामिल रहे।

- विवाह समारोह में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पहुंचे और वर वधु को आशीर्वाद दिये। आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव और तेजस्वी यादव से मुलाकात की।

- जेडीयू के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव, सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव अपनी पत्नी डिंपल यादव के साथ विवाह समारोह में शामिल हुए।

- कांग्रेस नेता दिग्विजय सिंह, सांसद सुभाष चंद्र, पूर्व लोकसभा अध्यक्ष मीरा कुमार और मंत्री आर के सिंह शामिल हुए।

- तेज प्रताप के विवाह समारोह में जनसैलाब उमड़ पड़ा।

- हजारों की संख्या में पहुंचे लोगो मे आपाधामी मच गई भोजन के लिये।

- विवाह समारोह के दौरान मंगल गीतों की गूंज रही। 

- तेज प्रताप यादव की शाही बारात निकली ढोल-नगाड़ो व बैंड के बीच।

- बारात में बड़ी संख्या में बैंड के अलावा हाथी, घोड़े, ऊंट के काफिले को देखने के लिये लालू आवास से लेकर विवाह स्थल वेटनरी कॉलेज मैदान तक लोगों की भारी भीड लगी रही।     

- दूल्हे की गाड़ी में पिछली सीट पर पिता लालू प्रसाद यादव और राबड़ी देवी बैठ कर गये।

- समारोह के लिए बारात रवाना होने से पहले दरभंगा से आए पुरोहित ने वैदिक मंत्रोपचार कर माहौल को मंत्रमुग्ध कर दिया। 

- वेटनरी मैदान में बने भव्य मंच पर जयमाला की रस्म अदा की गयी। यहीं मेहमानों के लिए प्रीतिभोज का आयोजन किया गया।

इस समारोह में आये मेहमानों में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सुर्खियों में रहे। क्योंकि उन्होंने महागठबंधन तोड़ने के बाद बीजेपी के साथ मिलकर सरकार बनाई। नीतीश कुमार के इस कदम के बाद राजनीतिक विवाद काफी बढ गया। इस समारोह में शामिल होने से लगता है नीतिश और लालू के बीच की दुरियां कुछ कम होने की उम्मीद जताई जा सकती है।