वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने बनाई ऩई पार्टी - लोकतांत्रिक जनता दल।

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वरिष्ठ समाजवादी नेता शरद यादव ने बनाई ऩई पार्टी - लोकतांत्रिक जनता दल।

(राजेश कुमार, ग्लोबल खबर) वरिष्ठ समाजवादी नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री शरद यादव ने नई पार्टी बनाई है। पार्टी का नाम है लोकतांत्रिक जनता दल (लोजद)। चुनाव आयोग ने पार्टी के नाम का आवंटन कर दिया है लेकिन चुनाव चिन्ह अभी नहीं मिला है। इस ऐलान 18 मई को किया जायेगा दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में। 

नवगठित पार्टी की महासचिव सुशीला मोराले ने शरद यादव की मौजूदगी में कहा कि पार्टी की पंजीकरण प्रक्रिया पूरी कर ली गयी है। उन्होंने बताया कि पार्टी का पहला राष्ट्रीय सम्मेलन आगामी 18 मई को दिल्ली में होगा। मोराले ने स्पष्ट किया कि शरद यादव ने पार्टी की सदस्यता नहीं ली है। 

- शरद यादव ने नई पार्टी का गठन किया - लोकतांत्रिक जनता दल।

- चुनाव आयोग ने अभी चुनाव चिन्ह का आवंटन नहीं किया है।

- 18 मई को नई दिल्ली के तालकटोरा स्टेडियम में पार्टी का औपचारिक ऐलान और पदाधिकारियों के नाम का ऐलान किया जायेगा। 

- पार्टी का मुख्य उद्देश्य दलित, पिछड़े, अल्पसंख्यक और महिलाओं से जुड़े मुद्दे पर राजनीतिक लड़ाई लड़ना और बीजेपी को हराना है। संवैधानिक संस्थाओं को बचाना है।

- शरद यादव फिलहाल तकनीकी कारणों से कोई पद नहीं लेंगे। 

 बीते साल जब जदयू नेता नीतीश कुमार ने महागठबंधन तोड़कर यानी आरजेडी और कांग्रेस पार्टी से अलग होकर बीजेपी के साथ गठबंधन की सरकार बनाई तब शरद यादव ने खुलाआम नीतीश के इस फैसले की आलोचना की। शरद यादव को केंद्र में मंत्री बनाने का ऑफर दिया गया लेकिन शरद यादव ने मंत्री बनने से इंकार कर दिया साथ हीं नीतीश कुमार के साथ नहीं गये। और अपने सिद्धांत पर डटे रहे। यानी जदयू दो भागों में बंटने लगा। 

- नीतीश कुमार के बीजेपी के साथ जाने पर शरद यादव ने सरेआम आलोचना की और किसी प्रलोभन में पड़े बिना केंद्रीय मंत्री पद ठुकरा दिया।

- दोनो नेताओं (नीतीश व शरद) के बीच विवाद बढता गया। नीतीश कुमार ने शरद यादव के 20 अधिक समर्थकों को पार्टी से निकाल दिया।

- नीतीश ने शरद यादव को संदेश भिजवाया कि वे आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव के पटना में आयोजित रैली में शामिल न हों। लेकिन शरद यादव पटना रैली में शामिल हुए।

- मुख्यमंत्री व जदयू अध्यक्ष नीतीश कुमार ने शरद यादव को राज्य सभा में पार्टी नेता पद से हटा दिया और साथ ही उनकी सदस्यता रद्द करने की अर्जी दी। राज्यसभा सांसद अली अनवर भी शरद यादव के साथ हैं।

- बीते साल 5 दिसंबर को शरद यादव और दूसरे जदयू सांसद अली अनवर की राज्यसभा सदस्यता रद्द कर दी गई। सभापति के इस फैसले को शरद यादव ने हाईकोर्ट में चुनौती दी। मामला हाईकोर्ट में लंबित है। 

शरद यादव देश के वरिष्ठ समाजवादी नेता है। पूर्व केंद्रीय मंत्री है। मंडल आयोग को लागू करवाने में इनकी अहम भूमिका था। बहरहाल अभी वे तकनीकी वजहों से पदभार नहीं संभालेंगे लेकिन पार्टी का संचालन उन्हीं के नेतृत्व में किया जायेगा।