रूस का पलटवार, अमेरिका के 60 राजनयिकों को वापस भेजने का फैसला किया।

1
रूस का पलटवार, अमेरिका के 60 राजनयिकों को वापस भेजने का फैसला किया।

मॉस्को। रूस ने 60 अमेरिकी राजनयिकों को वापस अमेरिका भेजने और सेंट पीटर्सबर्ग स्थित अमेरिकी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का फैसला किया है। रूस का यह कदम अमेरिकी कार्रवाई की प्रतिक्रिया के तौर पर देखा जा रहा है जिसके तहत ब्रिटेन में एक पूर्व रूसी जासूस को जहर देने के मामले पर वॉशिंगटन द्वारा 60 रूसी राजनयिकों को देश से निकाल दिया गया था। रूस के विदेश मंत्री सर्गेई लावरोव ने गुरुवार को कहा कि मॉस्को में अमेरिकी मिशन के 58 कर्मचारी और येकातेरिनबर्ग के 2 कर्मचारियों को कूटनीतिक गतिविधियों के लिए अयोग्य घोषित किया गया है। इन 60 राजनयिकों को 5 अप्रैल तक रूस छोड़ने का आदेश दिया गया है।

 

लावरोव ने कहा कि अमेरिकी राजदूत जॉन हंट्समैन को विदेश मंत्रालय में तलब किया गया था। 'द हिल मैगजीन' की रिपोर्ट के अनुसार, रूस की घोषणा के कुछ ही समय बाद वाइट हाउस ने दोनों देशों के बीच संबंधों के बीच का तनाव और बढ़ने की घोषणा की। प्रेस सचिव सारा हुकाबी सैंडर्स ने कहा, 'रूस की प्रतिक्रिया अप्रत्याशित नहीं थी और अमेरिका इससे निपटेगा।' विदेश विभाग की प्रवक्ता हीथर नॉर्ट ने कहा, 'रूसी प्रतिक्रिया का कोई औचित्य नहीं है। हमारी कार्रवाई ब्रिटेन पर हमले की प्रतिक्रिया थी।' 

 

रूस ने अपनी कार्रवाई का बचाव करते हुए कहा है कि उसने पश्चिमी देशों के साथ किसी तरह का कूटनीतिक युद्ध नहीं शुरू किया है। रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के प्रवक्ता दिमित्री पेस्कोव ने पत्रकारों से कहा, 'रूस ने कोई कूटनीतिक युद्ध शुरू नहीं किया।' उन्होंने कहा, 'रूस ने कभी भी प्रतिबंधों के जवाब में बदले की कोई कार्रवाई शुरू नहीं की।' 'सीएनएन' की रिपोर्ट के अनुसार, ब्रिटेन ने 4 मार्च को पूर्व रूसी एजेंट सर्गई स्क्रिपल औरउनकी बेटी यूलिया स्क्रिपल को जहर देने के मामले पर रूस को साफ तौर पर दोषी ठहराया था। अमेरिका ने ब्रिटेन का साथ देते हुए सोमवार को 60 रूसी राजनयिकों को निष्कासित कर दिया था और साथ ही सिएटल में स्थित 

अपने वाणिज्य दूतावास को भी बंद कर दिया था।