पुस्तक कूड़ा-धन : पर्यावरण को सुरक्षित रखने के साथ साथ धन भी अर्जित किया जा सकता है कूड़े से - वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया।

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पुस्तक कूड़ा-धन : पर्यावरण को सुरक्षित रखने के साथ साथ धन भी अर्जित किया जा सकता है कूड़े से - वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया।

पुस्तक कूडा-धन इन दिनों सुर्खियों में हैं। इसके लेखक है देश के प्रतिष्ठित पत्रकार दीपक चौरसिया। दीपक किसी पहचान के मोहताज नहीं बल्कि वे अपने आप में एक ब्रांड हैं। वर्तमान में वे इंडिया न्यूज के एडिटर-इन-चीफ हैं। जब यह ज्ञात हुआ कि दीपक जी ने पुस्तक लिखी है और पुस्तक का नाम है कूड़ा-धन। तो सहज ही इस नाम को लेकर एक विचार आया कि पुस्तक का नाम कुछ और रखा जा सकता था। लेकिन साथ ही यह विचार भी सामने था कि यदि दीपक जी ने अपनी पुस्तक का नाम कूड़ा-धन रखा है तो जरूर ही इसके सार्थक अर्थ होंगे। और ऐसा ही हुआ। पुस्तक पढने के बाद लगा कि पुस्तक ऐतिहासिक ज्ञान वर्धक है। पुस्तक का नाम कूड़ा-धन से बेहतर और कुछ नहीं हो सकता था।

 

 एक नजर पुस्तक कूड़ा-धन पर :

- पुस्तक कूड़ा-धन के लेखक हैं वरिष्ठ पत्रकार दीपक चौरसिया। दीपक की यह पहली पुस्तक है।

- इसे प्रकाशित किया है प्रभात प्रकाशन ने।

- 6 मार्च 2018 को लोकार्पण हुआ नई दिल्ली स्थित कॉन्स्टीट्यूशन क्लब में ।

- मुख्य अतिथि थी लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन।

- अति विशिष्ठ अतिथि थे केंद्रीय परिवहन मंत्री नितिन गडकरी।

- पुस्तक लिखने का उदेश्य है समाज में जागरूकता लाना। पैसा कमाना कतई नहीं।

पुस्तक में कूड़े की समस्याएं व समाधान पर रोशनी डालते हुए लेखक दीपक चौरसिया ने कहा कि संकट सिर्फ गंदगी फैलाने तक ही सीमित होता तो गनीमत थी लेकिन अब तो गंदगी देखकर लगता है कि संकट सिर्फ नाक सिकोड़ने भर का नहीं बल्कि संकट साँस लेने का हो गया है। जब सांस ही नहीं ले सकेंगे तो जिंदा कैसे रहा जायेगा? उन्होंने कहा कि यह बहुत बडे खतरे की घंटी है जिसे हमलोग जानकर भी अनजान बने हुए हैं।

लेखक का मानना है कि यदि कोई समस्या है तो वहीं उसका समाधान भी होगा। निश्चित रूप से होगा, बस उसे ढूंढने भर की जरूरत है। अपने इस वक्तव्य को लेखक दीपक चौरसिया ने अपनी लेखन में बखूबी अंजाम दिया। पुस्तक पढने के बाद आपको यह अहसास होगा कि यदि हम ठान लें कि कचरे का सही इस्तेमाल करना है तो आप समाज में क्रांति ला सकते हैं। प्लास्टिक कचरे से पेट्रोल बनाया सकता है व मजबूत सडके बनाई जा सकती है। अन्य खाद्य पदार्थ के कूड़े से ऑर्गेनिक उर्वरक और गैस बना सकते हैं। उन्होंने अपनी पुस्तक मे बतौर उदाहरण देकर जानकारी दी है कि कैसे कूड़े का इस्तेमाल कर धन अर्जित करने में किया जा रहा है।

पुस्तक के महत्व को इस बात से समझा जा सकता है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस अनोखे पुस्तक लिखने के लिये उन्हें शुभकामनाएं दी। उन्होंने लिखा कचरा प्रबंधन पर 'कूड़ा धन' पुस्तक के प्रकाशन के  बारे में जानकर प्रसन्नता हुई। आपके द्धारा इस तात्कालिक और बहुपयोगी विषय का चुनाव सराहनीय है। स्वच्छता अभियान को समस्त देशवासियों ने जिस तरह आत्मसात करते हुए अपनी दैनिक दीनचर्या के साथ जोड़ा है उससे यह जनअभियान का रूप ले चुका है। अब हमें इस दिशा में अगला कदम बढाने की जरूरत है।