नारायण राणे ने कांग्रेस नाता तोड़ा और कहा महत्व नहीं दिया गया।

नारायण राणे ने कांग्रेस  नाता तोड़ा और कहा महत्व नहीं दिया गया।

मुंबई। आखिरकार कांग्रेस के दिग्गज नेता नारायण राणे ने कांग्रेस पार्टी से इस्तीफा दे दिया। उनके बेटे और पूर्व सांसद निलेश राणे ने भी कांग्रेस पार्टी से अपना नातातोड लिया। राणे परिवार महाराष्ट्र का एक मजबूत राजनीतिक घराना है। पार्टी छोड़े वक्त नारायण राणे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी ने अपना वादा पूरा नहीं किया।


नारायण राणे 12 साल पहले शिवसेना छोड़ कांग्रेस पार्टी में शामिल हुए थे। उन्होंने आरोप लगाया कि कांग्रेस पार्टी में शामिल होते समय कांग्रेस ने मुख्यमंत्री बनाने कावादा किया था लेकिन पार्टी से अपने वादे से मुकर गई। जब वे शिवसेना में थे तब शिवसेना ने 1999 में उन्हें मुख्यमंत्री बनाया था। इस बीच चर्चा जोरो पर यही है कि 
उन्हें बीजेपी और शिवसेना दोनो से ही ऑफर है।

कांग्रेस छोड राणे ने कहा कि कांग्रेस पार्टी उनकी क्षमता का उपयोग नहीं कर पाई। उन्होंने कहा कि वे विधान परिषद की सदस्यता से इस्तीफा दे चुके है। कांग्रेस औरशिवसेना को सफाया हो जायेगा। कांग्रेस पार्टी को अब उनके मह्तव का पता चलेगा।


तटीय कोंकण क्षेत्र में अपने पैतृक जिले सिंधुदुर्ग में राणे ने कहा कि कांग्रेस में मेरे शामिल होने के बाद अहमद पटेल ने मुझसे कहा था कि मुझे मुख्यमंत्री बनाया जाएगा।मैडम (सोनिया गांधी) ने भी मुझे 2 बार कहा था कि मुझे मुख्यमंत्री बनाया जाएगा। राणे 26 जुलाई 2005 को कांग्रेस में शामिल हुए थे। भाजपा में शामिल होने की 
अटकलों का हवाला देते हुए राणे ने कहा, 'मैंने तय नहीं किया है कि कहां जाना है।' कुछ महीने पहले अहमदाबाद में राणे और भाजपा अध्यक्ष अमित शाह की मुलाकात 
हुई थी।

अब सवाल है कि महाराष्ट्र के दिग्गज नेता राणे यदि किसी पार्टी में जाते हैं तो क्या उस पार्टी के नेता नारायण राणे को मुख्यमंत्री बनाये जाने पर राजी होंगे।