भारत-रत्न हैं सुपर 30 के गणितज्ञ आनंद कुमार।

भारत-रत्न हैं सुपर 30 के गणितज्ञ आनंद कुमार।

भारत-रत्न हैं सुपर 30 के गणितज्ञ आनंद कुमार। बिहार के गणितज्ञ आनंद कुमार सुर्खियों में हैं। उनकी संस्थान सुपर-30 के सभी छात्र इस साल भी आईआईटी-जेईई (भारतीय प्रौद्यागिकी संस्थान-संयुक्त प्रवेश परीक्षा) में सफलता प्राप्त की। इस मौके पर सुपर-30 के संस्थापक आनंद कुमार ने प्रसन्नता व्यक्त की और कहा कि इसका दायरा और बड़ा किया जायेगा। 

सुपर-30 में गरीब छात्रों का लिया जाता है। यह संस्थान पिछले 15 सालों से गरीब छात्रों को पढाकर सफलता दिलाते आ रही है। बताया जाता है कि अब तक इस संस्थान के कुल 450 छात्रों में से 396 छात्रों ने आईआईटी प्रवेश परीक्षा में सफलता पाई है।गणितज्ञ आनंद की संस्था सुपर-30 गरीब परिवारों के 30 बच्चो का चयन हर साल करती है। 
उन्हें मुफ्त में पढाई के साथ साथ भोजन और रहने की सुविधा भी उपलब्ध कराता है। ताकि छात्र केवल अपने पढाई पर ध्यान दे सकें। इस काम में आनंद का पूरा परिवार उनके साथ है। मां सभी 30 बच्चो के लिये भोजन बनाती हैं और भाई प्रणव कुमार छात्रों को आईआईटी की तैयारी करवाते और प्रबंधन भी संभालते हैं। आनंद कुमार ने अनहोनी को होनी कर दिखाया है। और यह सिलसिला पिछले 15 सालों से जारी है। वे देश को रियल हीरो हैं। जो समाज के कमजोर और गरीब को बच्चो को पढाकर दुनिया के प्रतिष्ठित संस्थान में दाखिल दिलवाते हैं।
आनंद कुमार का कहना है कि कोई भी फिल्ड हो लक्ष्य को हासिल करने के लिये तीव्र इच्छा का होना जरूरी है। कठिन परिश्रम सफलता के मार्ग को प्रशस्त करता है। लाइवहिंदुस्तान.कॉम ने लिखा है कि गणितज्ञ आनंद कुमार को प्रसिद्ध यूरोपीय पत्रिका फोकस ने असाधारण लोगों की सूची में शुमार किया है। लोकप्रिय विज्ञान, प्रौद्योगिकी, इतिहास, स्वास्थ्य और सामाजिक विषयों पर रोचक और ज्ञानवर्धक आलेख प्रकाशित करने वाली इतालवी पत्रिका ने अपने एक लेख में आनंद को असाधारण प्रतिभाओं में शुमार किया है। फोकस का प्रकाशन प्रतिष्ठित पब्लिशिंग हाउस अरनाल्डो मोनाडाडोरी एडिटोरी द्वारा किया जाता है और यह पत्रिका 1992 से प्रकाशित हो रही है। फोकस ने अपने आलेख में आनंद के साथ प्रसिद्ध धावक इवानो ब्रुनेटी और डेविड विलियम्स जैसे खिलाड़ियों की भी चर्चा की है।पत्रिका ने आनंद को प्रतिभाओं में निखार लाने वाली शख्सियत करार दिया है। इस आलेख में आनंद की तुलना कोयेल की किताब इनकुबेटरी द टैलेंट के नायक से की गयी है। वहीं एक और सम्मान प्रदान करते हुए गणितज्ञों के प्रतिष्ठान अमेरिकन मैथेमैटिक्स सोसाइटी ने अपनी पत्रिका मैथ डाइजेस्ट में आनंद को नायक के समान करार दिया है।पत्रिका के आलेख में लिजा दे क्यूकेलियर ने लिखा है कि आनंद असली जुझारू नायक की तरह हैं, जो माफिया की धमकी के बावजूद गरीब बच्चों को ज्ञान दे रहे हैं। आनंद इससे पहले भी कई सम्मान से विभूषित किये जा चुके हैं। प्रसिद्ध पत्रिका टाइम ने द बेस्ट ऑफ एशिया सूची में उन्हें शुमार किया था। वहीं न्यूजवीक पत्रिका ने भी आनंद की सुपर-30 को विश्व के चार प्रयोगधर्मी स्कूलों की सूची में शुमार किया था। विज्ञान और खोज संबंधी प्रसिद्ध चैनल डिस्कवरी ने भी आनंद के सुपर 30 पर एक घंटे के वृत्तचित्र का प्रसारण किया था। आनंद कुमार खुद एक साधारण परिवार से हैं और काफी संघंर्ष कर अपनी पढाई पूरी की। वे गरीब छात्रों के दर्द को बहुत अच्छी तरह समझते हैं। उनके कार्य को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी व मनमोहन सिंह से लेकर बिहार के मुख्यमंत्री नितिश कुमार, आरजेडी अध्यक्ष लालू यादव और उद्योगपति मुकेश अंबानी सभी ने सराहा। आनंद कुमार अपने इस कार्य के लिये किसी की भी मदद नहीं लेते। न सरकारी तौर पर और न ही प्राइवेट तौर पर। वे अपनी संस्था रामानूजम इंस्टीट्यूट से होने वाली आमदनी से इन गरीब बच्चों को पढाते और खर्च उठाते हैं। इन पर काफी डॉक्यूमेंट्री भी बन चुकी है। और चर्चा है कि फिल्म निर्माता विकास बहल फिल्म स्टार रितिक रोशन को लेकर इनके जीवन पर फिल्म बनाने वाले हैं।