साढे सात रूपये महंगा हुआ पेट्रोल ।

साढे सात रूपये महंगा हुआ पेट्रोल ।

नई दिल्ली। पेट्रोल की कीमतों में साढे सात रूपये की बढोतरी हो गई है। और बढोतरी देश के हर हिस्से में लागू हो गई है। इसकी घोषणा देश की सबसे बड़ी तेल कंपनी इंडियन ऑयल ने 24 मई को ही कर दी थी। इसी के साथ भारत की राजनीतिक पार्टियां केंद्र सरकार के खिलाफ सड़कों पर आ गई है।

सरकारी तेल कंपनी इंडियन ऑयल ने बुधवार को एक बयान जारी कर कहा, "पेट्रोल की बिक्री पर नुकसान को देखते हुए कम्पनी इसकी कीमत में 6.28 रुपये प्रति लीटर (वैट/बिक्री कर रहित) की वृद्धि करने पर मजबूर है। बढ़ी दर मध्यरात्रि से लागू होगी।"

उल्लेखनीय है कि बिक्री कर और वैट के साथ देश के विभिन्न राज्यों में पेट्रोल की कीमते अलग-अलग होगी। ये टैक्स अलग-अलग राज्यों में 15 से 33 प्रतिशत तक हो सकते हैं। विभिन्न राज्यों में अतिरिक्त बिक्री कर 94 पैसे प्रति लीटर से 2.07 रुपये प्रति लीटर तक हो सकती है।

विशेषज्ञ व चार्टेड एकाउंटेंड सुभाष गुप्ता का कहना है कि तेल कंपनियो को लगातार घाटा हो रही है। इसीलिये इस घाटे को पाटने की मकसद से मूल्यवृद्दि की गई। देखिये एक बात को ध्यान में रखना होगा कि जिन क्षेत्रों में सरकार सब्सिडी दे रही है और सरकार घाटे को कम करने के लिये धीरे धीरे सब्सिडी वापस लेती है तो दाम बढने स्वाभाविक हैं।

विशेषज्ञ सुभाष गुप्ता ने यह भी कहा कि तेल का मामला अंतराष्ट्रीय बाजार से जुड़ा हुआ है। अंतराष्ट्रीय बाजार के उतार चढाव का प्रभाव भारत में भी दिखेगा। ऐसे भी इन दिनों डॉलर के मुकाबले भारतीय रूपये का लगातार गिरना जारी है। ऐसे में भारत को तेल का आयात करना मंहगा होगा तो स्वाभिवक है कि बाजार में तेल मंहगे होंगे।

लेकिन इस तेल वृद्दि को लेकर केंद्र सरकार की हर ओर से आलोचना हो रही है। विरोधी दल बीजेपी और वामपंथी दलों के अलावा कांग्रेस पार्टी की सहोयगी दलें तृणमूल कांग्रेस, डीमएक, सपा सभी विरोध कर रहे हैं।

बहरहाल, कहा जा रहा है कि पेट्रोल की बढी हुई कीमतों में एक से दो रूपये प्रति लीटर कमी हो सकती है।